सिग्नल, एक गैर-लाभकारी मैसेजिंग ऐप, गोपनीयता और डेटा संरक्षण को प्राथमिकता देता है, लेकिन अपने बुनियादी ढांचे को बनाए रखने में उच्च लागत का सामना करना पड़ता है।
ऐप गोपनीयता सुविधाओं को बढ़ाने और उपयोगकर्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनुसंधान और विकास में निवेश करता है, लेकिन मेटा जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियों क े वित्तीय संसाधनों का अभाव है।
तकनीकी उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर दिया जाता है, साथ ही संवेदनशील डेटा एकत्र नहीं करने के महत्व पर जोर दिया जाता है।
बातचीत में सिग्नल से संबंधित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जैसे कि कर्मचारी वेतन, गोपनीयता संबंधी चिंताएं, धन जुटाने की रणनीति, दान अनुभव, अन्य मैसेजिंग प्लेटफार्मों के साथ तुलना, बुनियादी ढांचे के मुद्दे और एसएमएस सत्यापन का उपयोग।
राय विभाजित हैं, कुछ सिग्नल के दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं और अन्य आलोचनाएं उठाते हैं और वैकल्पिक समाधान सुझाते हैं।
चर्चा में व्हाट्सएप का उपयोग करने की लागत, गुमनामी के बारे में चिंताओं और एक सार्वभौमिक संदेश प्रोटोकॉल की संभावना को भी संबोधित किया गया है।
ऐप्पल ने घोषणा की है कि निकट भविष्य में आईफोन्स में आरसीएस सपोर्ट आएगा।
आरसीएस, या रिच कम्युनिकेशन सर्विसेज, टाइपिंग इंडिकेटर, रीड रिसीट्स और ग्रुप चैट जैसी उन्नत मैसेजिंग सुविधाएँ प्रदान करता है।
ऐप्पल का यह कदम आईफोन उपयोगकर्ताओं के लिए मैसेजिंग अनुभव को बढ़ाएगा और उन्हें एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं के साथ फीचर समानता के करीब लाएगा, जिनके पास पहले से ही आरसीएस समर्थन है।
आईफोन पर आरसीएस मैसेजिंग सपोर्ट की ऐप्पल की घोषणा ने गूगल और मैसेजिंग इकोसिस्टम पर प्रभाव के बारे में बातचीत को प्रज्वलित कर दिया है।
आरसीएस में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की अनुपस्थिति पर जोर दिया जाता है, साथ ही आईओएस और एंड्रॉइड के बीच मैसेजिंग एकीकरण की सीमाएं भी हैं।
बहस में अपने प्लेटफॉर्म पर ऐप्पल का नियंत्रण, आरसीएस में Google की भूमिका और वैकल्पिक मैसेजिंग समाधानों की आवश्यकता शामिल है। गोपनीयता की चिंताएं, संगतता चुनौतियां और विशिष्ट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का प्रभुत्व चर्चा में प्रमुखता से दिखाई देता है।